Friday, May 23, 2025
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तारेंगा जैसे लोग हों, तो क्यों न भागे भय का भूत

कौन हैं कोंध आदिवासी तारेंगा मांझी, जिन्होंने ओडिशा में चार साल की कड़ी मेहनत से हर बाधा को पार करते हुए अपने समुदाय के लोगों को टीकाकरण के लिए राजी किया? इनकी कहानी लेकर आए हैं नीरोज रंजन मिश्रा

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई थी आदिवासियों की हूल क्रांति

झारखण्ड में जून 30 हूल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1855 में चार संथाल भाइयों और दो बहनों ने अंग्रेजी साम्राज्य की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सशस्त्र विदोह का बिगुल फूँका था और पारम्परिक हथियारों से लैस हज़ारों आदिवासियों का नेतृत्व किया था। पर [...]

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सैकड़ों अनाथ बच्चों व महिलाओं के लिए बनीं उम्मीद की किरण

महिलाओं और बच्चों के सामाजिक विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली एनके केनी नागालैंड में सैकड़ों अनाथ बच्चों और महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन गई हैं। बता रहीं हैं प्रोयाशी बरुआ

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तीरंदाज को बाधाओं ने घेरा तो रास्ता बदल कर साधा सफलता पर निशाना

एक होनहार संथाल खिलाड़ी को प्रारंभिक दौर में ही कंधे में दर्द उठने के कारण तीरंदाजी करियर को विराम देना पड़ा, परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और कोच के रूप में खूब नाम कमाया। इस प्रतिभावान खिलाड़ी के संघर्ष और सफलता की परतें खोलकर लाए हैं निरोज मिश्रा

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जादू सा बिखेर देती है आदिवासी गायिका की आवाज

अपने लोकगीतों से सरस्वती ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में खूब नाम कमाया। लेकिन, यह मंजिल इतनी आसान भी नहीं रही। कैसे एक चमत्कार से उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई और कैसे उनकी दुनिया ही बदल गई। नीरोज रंजन मिश्रा को सरस्वती ने सुनाई दिल [...]

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प्रधानमंत्री ने आदिवासी-बहुल खूंटी के बोरीबांध की प्रशंसा की

अपने मासिक मन की बात में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण के लिए झारखण्ड के खूंटी के लोगों की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने देश को बताया कि कैसे खूंटीवासियों ने पानी के संकट से निपटने के लिए जन भागीदारी से बोरीबांध का रास्ता निकाला है, [...]

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15 हज़ार जनजातीय महिलाओं के साथ संवाद करेंगी राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 25 मई को खूंटी (झारखंड) में महिलाओं के साथ जो संवाद करेंगी उसका उद्देश्य राज्य भर में स्वयं सहायता समूहों में जनजातीय महिलाओं के लिए आजीविका और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है, सुधीर कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

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क्या 2030 तक मलेरिया मुक्त हो जाएंगे आदिवासी क्षेत्र?

मलेरिया उन्मूलन के लिए भारत के मिशन 2030 का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब आदिवासियों के मूल निवास जंगली क्षेत्रों में इस बीमारी को नियंत्रित किया जाए। मिशन की स्थिति और आवश्यकता पर The Indian Tribal की स्पेशल रिपोर्ट

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झारखंड में सबसे पहले किसने देखे भगवान हनुमान?

देश के इस हिस्से में आदिवासी और गैर-आदिवासी दोनों ही समुदायों के लोगों का मानना है कि भगवान हनुमान का जन्म झारखंड के गुमला जिले के अंजन गांव में हुआ था। भगवान राम के इस कट्टर भक्त से जुड़ी मान्यताओं के पीछे की कहानियां बयां कर रहे हैं [...]

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होली पर झारखंड में गाये जाते थे फगुआ के 21 राग, अब 6 राग ही रह गए शेष

शहरीकरण के इस दौर में फाग गानेवाले कम होते जा रहे हैं। हालांकि, राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के माध्यम से इसे बचाने के कुछ प्रयास किये जा रहे हैं।

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In Numbers

705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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